मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अमेरिका की खोज को लेकर बड़ा बयान दे दिया है, जिसके बाद वो चर्चा में बने हुए है। इंदर सिंह परमार ने कहा है कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं की थी। अमेरिका की खोज करने में हमारा एक पुर्वज शामिल था यानी किसी भारतीय ने अमेरिका की खोज की थी।
मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परवमार ने बड़ा दावा कर दिया है, जिसके बाद वो सुर्खियों में आ गए है। उन्होंने ऐसी बात कही है कि वो लगातार चर्चा में बने हुए है। ये हम सभी जानते हैं कि अमेरिका की खोज वर्षों पहले कोलंबस द्वारा की गई थी। इस तथ्य को किसी ने ना कभी झुठलाया है ना ही इस पर कोई अन्य दावा किया गया है।
मगर मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अमेरिका की खोज को लेकर बड़ा बयान दे दिया है, जिसके बाद वो चर्चा में बने हुए है। इंदर सिंह परमार ने कहा है कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं की थी। अमेरिका की खोज करने में हमारा एक पुर्वज शामिल था यानी किसी भारतीय ने अमेरिका की खोज की थी।
इंदर सिंह ने ये बयान बकरतुल्ला यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन कार्यक्रम में दिया है। इस दौरान उन्होंनें 'सूर्य के स्थिरता' के सिद्धांत को लेकर भी बयान दिया है। उन्होंने सूर्य के सिद्धांत को लेकर कहा कि आठ हजार साल पहने लिखे गए ऋग्वेद में इसका जिक्र किया गया है। दूसरे देशों ने अपनी जरुरतों के अनुरूप भारत की मान्यताओं को ही स्थापित किया है।
इस दौरान इंदर सिंह परमार ने कहा कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की। भारत के छात्रों का इससे कोई संबंध नहीं था। बाद में वहां के समाज में कोलंबस के बाद के लोगों पर अत्याचार किया गया। जनजातीय समाज को नष्ट किया गया। अमेरिका के समाज में प्रकृति को महत्व दिया जाता था। वहां सूर्य की उपासना होती थी। मगर कहीं भी इस संदर्भ में सच्चाई के साथ तथ्यों को पेश नहीं किया गया है।
सही इतिहास नहीं पढ़ाया गया
उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों को ये पढ़ाया गया कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की। मैं कहना चाहूंगा कि जिसने ये बताया असल में उसे ये जानकारी देनी चाहिए थी कि भारत का महानाविक वसुलुन आठवीं शताब्दी में वहां पहुंचा था। अमेरिका स्थित सैन डियागो में उसने कई मंदिरों का निर्माण करवाया था। अमेरिका के कई म्यूजियम में आज भी इससे संबंधित वस्तुएं तथ्यों के तौर पर मिल सकती है। ऐसे में छात्रों को असल जानकारी दी जानी चाहिए थी कि भारतीय ने ही अमेरिका को खोजा था।
उन्होंने सिर्फ अमेरिका पर ही नहीं बल्कि सूर्य के स्थिर होने के सिद्धांत पर भी बयान दिया है। इंदर सिंह परवमार ने कहा कि कॉपरनिकस ने सूर्य के स्थिर होने के सिद्धांत के बारे में जानकारी दी है। सूर्य स्थिर है और सभी ग्रह उसके चक्कर लगाते है। हमारे ऋग्वेद में भी आठ हजार वर्षों पहले ये लिखा गया था कि पृथ्वी के चक्कर चंद्रमा लगाता है। और पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है। हमारे पूर्वज सूर्य को भी स्थिर मान चुके है। आज के समय में जो वैज्ञानिक कहते हैं, हमारे पूर्वजों ने उसे पहले ही शास्त्रों में लिखा हुआ है।